थाली जैसी विविधता, बुफे जैसी नहीं!

सही निवेश मिश्रण का ज़ायका समझिए

बहुत से लोग सोचते हैं कि जितने ज़्यादा निवेश, उतना अच्छा। इसलिए वे बुफे की तरह कई म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स, एफडी और गोल्ड इकट्ठा कर लेते हैं।

लेकिन बुफे में सब कुछ लेने से पेट तो भर सकता है, संतुलित भोजन नहीं मिलेगा।

अब सोचिए एक भारतीय थाली की – दाल, सब्ज़ी, रोटी, चावल, सलाद और मिठा – सब कुछ सही अनुपात में। सेहतमंद भी और स्वादिष्ट भी।

ठीक इसी तरह निवेश में भी सही संतुलन चाहिए।

सही विविधता कैसी हो?

इक्विटी – लंबी अवधि में धन निर्माण के लिए
डेट – स्थिरता और कम जोखिम के लिए
गोल्ड – अनिश्चितता में बचाव के लिए
लिक्विड फंड/कैश – आपातकाल या निकट जरूरतों के लिए

संतुलन है असली कुंजी

हर एसेट क्लास का अपना रोल होता है, लेकिन अगर अनुपात गड़बड़ हुआ, तो पूरा पोर्टफोलियो असंतुलित हो सकता है।

अधिक निवेश नहीं, सही निवेश ज़रूरी है।

अपनी जोखिम क्षमता, लक्ष्य और समय के अनुसार संतुलित थाली जैसा पोर्टफोलियो बनाइए

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